प्रेरणा

सान नहीं है रस्ते

फ़िर हम भी चलते जायेंगे

हर सांचे मे फिट होंगे

और उसी मे ढलते जाएंगे


साध लिए हैं लक्ष्य तो

अब झुकना नहीं हैं

परिस्थिति चाहें जो हो, जैसा हो

बस.. अब रूकना नहीं हैं


और पूर्ण विराम कि बेला पर, 

बस इतना साहस भर लो ! 

चलो चलते जाओ आगे तुम, 

सपनो को हकीकत कर दो !! 



देश ने करवट भर ली है

अब हमको भी कुछ करना है

लक्ष्य नहीं है तिनके का

पुरा अम्बर मुठ्ठी में करना हैं

 - दीप्ति वर्मा

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