जानिए कैसे सुर्खियों में आई पुनम पांडे
पुनम पांडे,, बीते दो दिनों में आपने ये नाम खुब सुना होगा. मुझे यकीन हैं कि पुनम की मौत के ख़बर से पहले आप में से 95% लोग जानते तक नहीं थे कि आखि़र पुनम पांडे हैं कौन!
अचानक एक ख़बर आती हैं कि पुनम पांडे की मौत सर्वाइकल कैंसर से हों गयी. ये ख़बर कोई और नहीं बल्कि पुनम की सोशल मीडिया मैनेजर स्वयं देती हैं. सभी न्यूज़ चैनल में ये ख़बर आग की तरह फैला दी जाती हैं. देखते ही देखते पुनम जो जीते-जी ट्रेंड में नहीं आ सकी वो मरने की ख़बर से इंस्टाग्राम, ट्विटर एक्स , फेसबुक जैसे बड़े सोशल मिडिया प्लेटफोर्मस् में चर्चित हों जाती हैं.
लेकिन मौत की ख़बर के तीसरे दिन, यानि आज सुबह पुनम अपने अधिकारिक प्रोफाइल से एक स्टेटमेंट जारी करती हैं- कि वो जिंदा हैं, स्वस्थ हैं. उन्होंने अपनी मौत की ख़बर जान बुझ कर फैलाई जिसका उद्देश्य लोगों को #सर्वाइकल कैंसर के प्रति जागरूक करना था.
तो चलिए मैं अपने तर्क शक्ति से इस पुरे मामले का बखान करती हुं :
दरसल Popular होने के दो तरीके हैं - 1. पहला मेहनत करके, जिसमें थोड़ा ज्यादा समय लगता हैं, इसे positive popularity मिलती हैं
2. दुसरा आसान तरीका, जिसमें कम समय लगता हैं. जैसे भ्रम फैलाना, अश्लिलता और झूठीं ख़बर,अतरंगी कारनामे करना. जिससे जल्द किंतु negetive popularity मिलती है.
इसके बहुत से उदाहरण हैं - जैसे उर्फ़ी जावेद आधे अधूरे कपड़े से तो वही ढिनचैक पुजा ने अतरंगी व बेसुरे गानों से प्रसिद्धि पायी. प्रसिद्धि पाने की इस तरकीब को negetive method for popularity कहते हैं.
पुनम पांडेय ने popularity पाने का यही तरीका अपनाया, और वो सफ़ल रही. लोग अब उसे जानने लगे, पहचानने लगे.
यहाँ पर सोचने वाली बात हैं कि बिना पुष्टि के इस ख़बर को भारतीय मीडिया ने खुब तवज्जो दिया.इससे तो यही साबित होता हैं कि यातो भारतीय मीडिया अपने ethics भूलता जा रहा हैं या फ़िर फैक्ट-चैकिंग डेस्क के कर्मचारियों को तनख़्वा सही से नहीं दी जा रही हैं.
Comments
Post a Comment