रंग-बिरंगी भारतीय मीडिया !

रंग बिरंगी भारतीय मीडिया... 

कल ही की बात है ,एक नामी न्यूज़ चैनल में एक खबर दिखाई गयी. जिसमे उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खाने के उपर कोई सर्वेक्षण किया गया है. उस सर्वेक्षण के आंकड़ो के अनुसार सबसे बे-स्वाद सब्जियों में बैंगन को चिन्हांकित किया गया है. सोचने वाली बात है कि भारत जैसे देश मे सबसे सस्ता व किफ़ायती मिलने वाला बैंगन !जो हर दूसरे दिन किसी न किसी के कड़ाही मे पकता नज़र आता है. वो भला बे-स्वाद कैसे हो सकता है.आख़िर कौन होते है वो लोग,जो ऐसे सर्वेक्षण करते है. भारतीय मीडिया के जवाबदेही और ख़बर चुनने के गुणों का तो दात देना चाहिए. जो हमे शिक्षित और जागरूक करे न करे लेकिन हमारा मनोरंजन भली-भांति करते है.
                 फोटो साभार:BBC NEWS

ऐसे ही एक और खबर मैंने देखी थी जिसमें न्यूज़ एंकर 3 अलग राजनीतिक दलों के नेताओ के साथ चुनावी मुद्दे पर वाद- विवाद कार्यक्रम कर रही थी. उसी दौरान एक नेता दूसरे नेता पर हावी हो गए. इतने मे दूसरे नेता ने पहले नेता के लिए अभद्र शब्दो का इस्तेमाल किया. जिसपर प्रतिक्रिया देते हुए पहले नेता अपनी कुर्सी से उठ खड़े हुए और दूसरे नेता के गालो मे दे तमाचा मारा. 

इसपर सोचने वाली बात ये है कि इतने बड़े नामी न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम मे बातचित का स्तर गिरता रहा और एंकर बैठी तमाशा देखती रही. न तो एंकर ने स्थिति को संभालने की कोशिस की और ना ही न्यूज़ चैनल के प्रोडक्शन टीम ने. कही ऐसा तो नही कि कार्यक्रम को कराने के पीछे उनका उद्देश्य मात्र TRP कमाने का था, ना कि जनता को जागरूक और शिक्षित करने का. मीडिया के ख़बर नहीं चुनने के तरीके और उद्देश्य मौजुदा समय मे इतने बदल चुके है कि अब तो मैंने फ़िल्मे और मेरे घर की महिलाओ ने धारावाहिक देखना छोर दिया है. 
क्युकि 24×7 चलने वाली न्यूज़ चैनलो ने मनोरंजन के लिए जरूरी मिर्च-मसाले और चटपटेपन को खबरों मे बखूबी मिला कर दर्शको मे परोसा जा रहा है. रही बात खबरों की तो खबर का क्या है, खबर तो चाय के तपड़ी मे भी सुनने को मिल जाता है. और ख़बर तो जनता व्हाट्स-ऐप मे भी पढ़ लेते है. 

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